Wednesday, March 12, 2008

माँ - तारे ज़मीन पर

गीत के बोल लिखे हैं प्रसून जोशी ने,
स्वरबद्ध किया है शंकर - एहसान - लॉय ने,
तथा आवाज़ है शंकर महादेवन की.
(अक्षर यद्यपि मेरे हैं ;) )

मैं कभी बतलाता नहीं,
पर अंधेरे से डरता हूँ मैं माँ
यूँ तो मैं दिखलाता नहीं,
तेरी परवाह करता हूँ मैं माँ
तुझे सब है पता, है ना माँ?
तुझे सब है पता... मेरी माँ

भीड़ में यूँ ना छोडो मुझे,
घर लौट के भी आ ना पाऊं माँ
भेज ना इतना दूर मुझको तू,
याद भी तुझको आ ना पाऊं माँ
क्या इतना बुरा हूँ मैं माँ?
क्या इतना बुरा... मेरी माँ

जब भी कभी पापा मुझे,
यूँ जोर से झूला झुलाते हैं माँ,
मेरी नज़र ढूंढें तुझे,
सोचूं यही, तू आके थामेगी माँ
उन से मैं यह कहता नहीं,
पर मैं सहम जाता हूँ माँ।

चेहरे पे आने देता नहीं,
दिल ही दिल में घबराता हूँ माँ
तुझे सब है पता, है ना माँ?
तुझे सब है पता, मेरी माँ

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